घाटशिला उपचुनाव 2025: सोमेश सोरेन और बाबूलाल सोरेन कल दाखिल करेंगे नामांकन
Ghatsila : घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अब मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है। 17 अक्टूबर को झामुमो उम्मीदवार सोमेश सोरेन और भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान दोनों दलों के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे, जिससे घाटशिला में राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है।
झामुमो की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन सोमेश सोरेन के नामांकन के मौके पर मौजूद रहेंगे। वहीं भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के नामांकन के समय पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और कई वरिष्ठ नेता शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
इस सीट पर झामुमो ने पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को टिकट दिया है। रामदास सोरेन के निधन के बाद ही यह सीट खाली हुई थी। दूसरी ओर भाजपा ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है। घाटशिला सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है, और दोनों दलों ने अपने पारंपरिक मजबूत चेहरे उतारे हैं।
यह मुकाबला सिर्फ दो परिवारों के बीच नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिष्ठा और प्रतिशोध की जंग में बदल गया है। 2024 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल सोरेन इसी सीट से रामदास सोरेन से 22,464 वोटों से हार चुके थे। इस बार भाजपा पिछली हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, जबकि झामुमो भावनात्मक जुड़ाव और सहानुभूति लहर पर भरोसा कर रही है।
घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में कुल 2.56 लाख मतदाता हैं, जिनमें 1.31 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। मतदान 11 नवंबर को होगा और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने 231 स्थानों पर 300 मतदान केंद्र बनाए हैं और सुरक्षा व प्रशासनिक तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं।
झामुमो इस चुनाव को “स्वाभिमान और विरासत की लड़ाई” बता रही है, वहीं भाजपा इसे “परिवर्तन और जवाबदेही का चुनाव” कह रही है। ऐसे में यह उपचुनाव सिर्फ एक सीट का नहीं, बल्कि दो सोरेन परिवारों के बीच राजनीतिक प्रतिष्ठा की टक्कर बन गया है।
