रांची

झारखंड में सहायक आचार्य नियुक्ति को लेकर उर्दू व संस्कृत के अभ्यर्थी असमंजस में, मंत्री इरफान अंसारी से मिले 24 जिलों के उम्मीदवार

Ranchi : झारखंड में सहायक आचार्य (Assistant Professor) की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर उर्दू और संस्कृत विषय के अभ्यर्थी लंबे समय से असमंजस की स्थिति में हैं। इसी मुद्दे को लेकर राज्य के 24 जिलों से आए अभ्यर्थी आज मंत्री इरफान अंसारी से उनके आवास पर मिले और अपनी समस्याएं रखीं।

📝 वर्ष 2023 के विज्ञापन पर हुई परीक्षा, एक पेपर रहा विवादित

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2023 में जारी विज्ञापन के आधार पर 2024 में इन विषयों की परीक्षाएं आयोजित की गई थीं।
इसी दौरान एक पेपर आउट ऑफ सिलेबस होने के कारण अभ्यर्थियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद आयोग द्वारा चौथे पेपर की पुनः परीक्षा आयोजित की गई।

😔 अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रक्रिया पर उठाए सवाल

अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया अत्यंत अव्यवस्थित और बिखरी हुई थी।
अलगअलग पेपर अलगअलग शहरों में आयोजित किए जाने से उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
परीक्षा पास करने के बाद JSSC (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) द्वारा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया और दस्तावेज संबंधित जिलों में भेजे गए, लेकिन वहां प्रक्रिया रोक दी गई, जिसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया।

80 से अधिक अभ्यर्थी अब भी कर रहे नियुक्ति का इंतजार

उर्दू और संस्कृत विषय में डिग्रीधारी 80 से अधिक अभ्यर्थी अब भी नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं।
इन अभ्यर्थियों ने कहा कि वे वर्षों की मेहनत और संघर्ष के बाद चयनित हुए हैं, लेकिन नियुक्ति में देरी से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।

🤝 मंत्री इरफान अंसारी ने दी भरोसा

मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री इरफान अंसारी ने सभी अभ्यर्थियों को अपने आवास पर बुलाया और उनकी समस्याएं सुनीं।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा —

> “आपकी पढ़ाई और मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी। सरकार आपकी समस्या के समाधान के लिए गंभीर है।”

📜 JSSC सचिव को सौंपा गया ज्ञापन

मंत्री अंसारी ने अपने व्यक्तिगत सहायक (PA) के साथ एक प्रतिनिधिमंडल को JSSC सचिव श्री सुधीर कुमार गुप्ता के पास भेजा।
प्रतिनिधिमंडल ने सचिव को ज्ञापन सौंपा, जिस पर सचिव ने शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।

अभ्यर्थियों ने जताई उम्मीद

अभ्यर्थियों ने मंत्री अंसारी और JSSC सचिव के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द निर्णय लेगी और वर्षों से अटकी हुई नियुक्ति प्रक्रिया को बहाल करेगी।



👉 उर्दू और संस्कृत विषय के शिक्षार्थियों को उम्मीद — अब जल्द खुलेगी नियुक्ति प्रक्रिया का रास्ता।

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