आईआरसीटीसी घोटाला : लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय, बढ़ी परिवार की मुश्किलें

पटना/नई दिल्ली :
राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तथा उनके परिवार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश जारी किया है। अदालत ने तीनों के खिलाफ आपराधिक साजिश (IPC की धारा 120B) और सामान्य अपराध (धारा 32) के तहत आरोप तय किए हैं।
यह मामला भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) से जुड़े दो होटलों — एक रांची और दूसरा पुरी — की निविदा प्रक्रिया में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इन होटलों के रखरखाव और संचालन का ठेका देने में अनियमितताएं कीं और अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार किया।
अदालत ने कहा – साजिश के तहत कम कीमत पर खरीदी गई जमीनें
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि लालू प्रसाद यादव ने लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने टेंडर प्रोसेसिंग में सीधा हस्तक्षेप करते हुए ऐसी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जो उनके नजदीकी मानी जाती थीं। अदालत के अनुसार, इस प्रक्रिया के दौरान कई महत्वपूर्ण शर्तों में हेराफेरी की गई ताकि मनचाही कंपनी को अनुबंध मिल सके।
कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपियों ने विनय कोचर और विक्रम कोचर, जो उस समय होटल व्यवसायी थे, के साथ मिलकर कम कीमत पर जमीन का सौदा किया। इस जमीन को बाद में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर हस्तांतरित किया गया। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह जमीन रांची में स्थित है और सौदे के पीछे स्पष्ट रूप से कमीशन और राजनीतिक प्रभाव का उपयोग किया गया था।
कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि विनय कोचर राबड़ी देवी की कंपनी सुजाता होटल लिमिटेड में निदेशक (Director) के पद पर थे। इस प्रकार, यह सौदा पूरी तरह से आपसी लाभ के लिए रचा गया षड्यंत्र प्रतीत होता है।
लालू परिवार ने कहा – “हम निर्दोष हैं”
अदालत में पेशी के दौरान जब विशेष न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों से पूछा कि क्या वे अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार करते हैं, तो लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव — तीनों ने स्वयं को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं और वे अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे।
राजद के सूत्रों का कहना है कि यह मामला पुराने राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है और इसका मकसद लालू यादव और उनके परिवार की राजनीतिक साख को नुकसान पहुंचाना है। तेजस्वी यादव ने अपने हालिया बयान में कहा था कि “हम न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखते हैं। सच एक दिन सबके सामने आ जाएगा।”
सीबीआई की जांच में उजागर हुआ था मामला
इस घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही है। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2004 से 2009 के बीच जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब रांची और पुरी स्थित दो आईआरसीटीसी होटलों की निविदा में गंभीर अनियमितताएं की गईं। आरोप है कि इन टेंडरों के बदले पटना में तीन एकड़ जमीन बेहद कम कीमत पर यादव परिवार से जुड़ी कंपनियों के नाम कर दी गई।
सीबीआई ने 2017 में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके बाद 2025 में अदालत ने अब आरोप तय करने का आदेश दिया है। एजेंसी का दावा है कि इस सौदे से लालू परिवार को करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचा।
अगली सुनवाई की तारीख तय
राउज एवेन्यू कोर्ट ने तीनों आरोपियों को अगली सुनवाई के लिए हाजिर रहने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आगे की सुनवाई के दौरान सभी गवाहों और सबूतों की बारीकी से जांच की जाएगी। इस बीच, राजद समर्थकों ने लालू परिवार के समर्थन में सोशल मीडिया पर #JusticeForLalu ट्रेंड करवा दिया है.
