सिमडेगा में 40 वर्ष से अधिक उम्र के खिलाड़ियों के लिए 1st हॉकी मास्टर्स कप 2025 का आगाज
सिमडेगा, 28 सितंबर। एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम सिमडेगा में आज 40 वर्ष से अधिक उम्र के खिलाड़ियों के लिए आयोजित 1st हॉकी सिमडेगा मास्टर्स कप 2025 का शुभारंभ हुआ। इस अनोखी प्रतियोगिता में 41 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के खिलाड़ियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उद्घाटन मैचों में चार टीमों ने जीत दर्ज कर अगले दौर में प्रवेश किया।
प्रतियोगिता का आयोजन हॉकी सिमडेगा द्वारा जिला खेलकूद विभाग, जय टेंट और पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी सुनील लुगुन के सहयोग से 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक किया जा रहा है। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा रहे। उनके साथ ज़िप सदस्य जोसिमा खाखा, सिमडेगा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. अशोक मिश्र, शिक्षा विद साधु मालवा, 1971 युद्ध के पूर्व सैनिक थेवोदर मिंज, फादर बेनेदिक कुजूर, पूर्व राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी एलेक्स लकड़ा, विधायक प्रतिनिधि संतोष सिंह और कई अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। सभी ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर प्रतियोगिता का आगाज कराया।
पहले दिन के मैच
कुजूर ब्रदर बनाम रेनो क्लब बुधराटोली
मैच 11 की बराबरी पर रहा। ट्राई ब्रेकर में कुजूर ब्रदर ने 43 से जीत दर्ज की।
रेंगारी बनाम बोलबा सुगा डोंगर
रेंगारी ने 81 से शानदार जीत हासिल की।
सरंडो बनाम केरसई टीचर संघ
सरंडो की टीम ने 52 से जीत दर्ज की।
कोचडेगा बांसपहार बनाम रसिया
कोचडेगा बांसपहार ने 61 से मुकाबला जीता और अगले चक्र में प्रवेश किया।
मैचों में 41 से 70 वर्ष तक के खिलाड़ियों ने शानदार खेल दिखाया। ग्रामीण इलाकों से आए कई बुजुर्ग खिलाड़ियों ने पहली बार एस्ट्रोटर्फ पर खेलते हुए खुशी और उत्साह व्यक्त किया।
अतिथियों के विचार
मुख्य अतिथि विधायक भूषण बाड़ा ने कहा कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के खिलाड़ियों के लिए यह प्रतियोगिता सराहनीय कदम है। इससे सिमडेगा जिले में फिर से गलीगली में हॉकी का माहौल बनेगा और नई पीढ़ी अपने दादापिताओं को खेलते देखकर प्रेरित होगी।
पूर्व प्राचार्य प्रो. अशोक मिश्र ने कहा कि इस आयोजन से बुजुर्गों में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, वे फिट रहेंगे और स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।
सम्मान और सहयोग
उद्घाटन समारोह में सभी अतिथियों को हॉकी सिमडेगा के पदाधिकारियों ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। आयोजन की सफलता में मनोज कोणबेगी, पंखरासियूस टोप्पो, कमलेश्वर मांझी, बसंत बा, वेद प्रकाश, कुनूल भेंगरा, रोहित बेसरा, फ्लेबियुस तिर्की, तालिम तिग्गा, सुशीला कुजूर, मनसुख सुरीन सहित कई पदाधिकारियों का अहम योगदान रहा।
