कैबिनेट की बैठक में 27 प्रस्तावों को मिली मंजूरी, मंडल डैम प्रभावित 780 परिवारों को मिलेगा पुनर्वास पैकेज
सारंडा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी पर मंत्रिमंडलीय समूह की रिपोर्ट के बाद होगा फैसला
रांची : राज्य सरकार की बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में कुल 27 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए, जिनमें सारंडा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी के भविष्य को लेकर भी एक महत्वपूर्ण फैसला किया गया है।
कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग में कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने जानकारी दी कि सारंडा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी के संबंध में मंत्रियों के एक समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) का गठन किया गया है। यह समूह संबंधित विभागों के सचिवों के साथ मिलकर सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय पहलुओं का अध्ययन करेगा और रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। इसके बाद ही राज्य सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
बता दें कि सारंडा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित है और इसका क्षेत्रफल लगभग 575.19 वर्ग किलोमीटर है। इस क्षेत्र में अंकुआ, सहता, करमपदा, कुदलीबाग, तिरिलघोषी और थालकोबाद जैसे गांव स्थित हैं।
मंडल डैम से प्रभावित 780 परिवारों को मिलेगा पुनर्वास पैकेज
कैबिनेट ने मंडल डैम के डूब क्षेत्र से प्रभावित 780 परिवारों के पुनर्वास के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये की राशि और एक एकड़ जमीन दी जाएगी, ताकि वे नए स्थान पर अपना जीवन पुनः स्थापित कर सकें।
एनडीपीएस थानों का गठन, अफीम की खेती पर रोक लगेगी
राज्य सरकार ने अफीम की अवैध खेती को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाया है। इसके तहत चतरा, रांची, जमशेदपुर, खूंटी और हजारीबाग जिलों में एनडीपीएस (NDPS) थानों का गठन किया जाएगा। इन थानों के माध्यम से अवैध नशा कारोबार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
सहायक पुलिसकर्मियों को मिला एक साल का अवधि विस्तार
राज्य में तैनात सहायक पुलिसकर्मियों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। इससे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में सहूलियत होगी।
उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्षों को भी मिला अवधि विस्तार
खाद्य आपूर्ति विभाग के तहत झारखंड राज्य उपभोक्ता निवारण आयोग और जिला उपभोक्ता निवारण आयोग के अध्यक्षों एवं सदस्यों के कार्यकाल को भी विस्तार देने का निर्णय लिया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को न्याय मिलने में कोई बाधा न हो।
राज्य सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों से न केवल विकास की गति तेज होगी, बल्कि वन्यजीव संरक्षण, पुनर्वास, कानून व्यवस्था और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
