नई दिल्ली : केरल में पिछले 24 घंटों में निपाह से संक्रमित कोई मामला सामने नहीं आया है. इससे संक्रमित नौ साल के बच्चा वेंटिलेटर से बाहर आ गया है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक बच्चे की सेहत में अब सुधार हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस निपाह वायरस का खतरा केरल समेत देश के नौ राज्यों में है. इस पर आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ द्वारा किए अध्ययन में यह बात सामने आई है. यह निपाह संक्रमण चमगादड़ों से होता है.
1233 लोग संपर्क सूची में
उन्होंने बताया कि केरल में हमें जो वायरस मिला है, उसकी पहचान भारतीय जीनोटाइप या आई जीनोटाइप के रूप में की गई है, जो बांग्लादेश में पाए जाने वाले स्ट्रेन के जैसे है. निपाह वायरस के दो स्ट्रेन हैं, एक मलेशियाई और दूसरा बांग्लादेश से आया है. उन्होंने बताया कि राज्य में निपाह को लेकर स्थिति संतोषजनक है. निपाह संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की सूची तैयार की गई है. 1233 लोग अब संपर्क सूची में हैं. 23 लोगों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. अस्पताल में 4 लोग हैं.
उच्च जोखिम वाली संपर्क सूची में 352 लोग
उन्होंने बताया कि निपाह से निपटने के लिए अब तक 36 चमगादड़ों के नमूने एकत्र किए गए और परीक्षण के लिए भेजे गए. इसके साथ 34,167 घरों में हाउस विजिट पूरा हो चुका है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. उच्च जोखिम वाली संपर्क सूची में 352 लोग हैं. जिन स्थानों पर निपाह वायरस की पुष्टि हुई है, वहां स्वास्थ्य कर्मियों ने रोकथाम गतिविधियां तेज कर दी हैं. उल्लेखनीय है कि निपाह से केरल में दो लोगों की मौत हो चुकी है और चार लोगों का इलाज चल रहा है. इस वायरस का संक्रमण ज्यादा तेज नहीं है लेकिन इससे होने वाली मौत की दर 40 से लेकर 70 प्रतिशत तक है.