नई दिल्ली : राष्ट्रीय ओबीसी साहित्यिक मंच का गठन दशरथ पुरी नई दिल्ली में किया गया है. जिस के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के डॉ संतोष पटेल जी को बनाया गया है. इसका उद्देश्य भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों से ओबीसी के साहित्यकारों की भागीदारी सुनिश्चित करने, पद्म पुरस्कारों में उनकी भागीदारी, विभिन्न रंग कर्मियों, पत्रकारों, साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों को समुचित स्थान के लिए है.
भाषा साहित्य और संस्कृति से जुड़े ओबीसी साहित्यकार वंचित
उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहीं. श्री गुप्ता ने कहा कि देश के आजादी के 70 सालों के बाद भी भारत सरकार व कई राज्यों की जो भाषा साहित्य और संस्कृति जुड़ी जो अकदमिया हैं जैसे भारत सरकार के साहित्य अकादमी, संगीत, नाटक अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय या अन्य संस्था या फिर किसी भी प्रदेश की हिंदी अकादमी, राजस्थान अकादमी, असम हिंदी अकादमी उत्तर प्रदेश हिंदी अकादमी के अंतर्गत ओबीसी साहित्यकारों को कोई स्थान नहीं दिया जा रहा है.
फणीश्वर नाथ रेनू को भी नहीं मिला साहित्य अकादमी सम्मान
यहां तक कि फणीश्वर नाथ रेनू को भी साहित्य अकादमी सम्मान नहीं दिया गया. लिहाजा अब यह समय आ गया है कि ओबीसी के साहित्यकारों को एक मंच पर आना चाहिए. इसी बाबत राष्ट्रीय ओबीसी साहित्य मंच का गठन किया गया है.
ओबीसी साहित्यकारों की भागीदारी की मांग होगी
इस अवसर पर नव मनोनीत वरिष्ठ लेखक डॉ संतोष पटेल ने कहा कि भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों से ओबीसी के साहित्यकारों की भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग की जाएगी. संगठन ने जो जिम्मेवारी हमें सौंपा है उस जिम्मेवारी पर हम खरे उतरेंगे. मौके पर रोहित गुप्ता, कंचन पटेल, सन्नी संजय उपस्थित थे.