रांची

रांची में उपराष्ट्रपति चुनावी दौरे पर पहुंचे बी सुदर्शन रेड्डी, हेमंत सोरेन से मिले, समर्थन की अपील

रांची: उपराष्ट्रपति पद के लिए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी शनिवार को रांची पहुंचे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और मीडिया से संवाद भी किया। प्रेस कांफ्रेंस में दोनों नेताओं ने चुनाव की तैयारियों और अपने विचार साझा किए।

बी सुदर्शन रेड्डी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हेमंत सोरेन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और इस तरह से उन्हें जो परेशान किया गया, उससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा, “किसे जिम्मेदार ठहराया जाए?” और संविधान की संरचना और मूलभाव की समझ को महत्वपूर्ण बताया। रेड्डी ने बताया कि पहले ‘वोटर फर्स्ट, सिटीजन लेटर’ की अवधारणा थी, जब नागरिकता की स्पष्ट परिभाषा नहीं थी और न ही कोई ठोस पहचान साधन था।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। दोनों पक्ष अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं और हम तेलंगाना के बी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करते हैं। वह विपक्ष के साझा उम्मीदवार हैं और हम उनके समर्थन में पूरी तरह से खड़े हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव को प्रभावी बनाने के लिए सभी दलों के नेता व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर रहे हैं और एक रणनीति तैयार की जा रही है, जिससे उम्मीदवार को विजय दिलाई जा सके।

बी सुदर्शन रेड्डी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें हेमंत सोरेन के सांसदों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, “मैं सभी राज्यसभा और लोकसभा सांसदों से आग्रह करूंगा कि यदि मैं काबिल हूं तो मुझे वोट करें और समर्थन दें।” उन्होंने विश्वास जताया कि जरूरत पड़ी तो वह भा.ज.पा. के नेतृत्व से भी मिलेंगे।

न्याय के पक्षधर सांसदों से उन्हें वोट मिलने की उम्मीद जताते हुए रेड्डी ने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक दायित्व है, न कि राजनीतिक पद। उन्होंने कहा, “विपक्ष ने सर्वसम्मति से मुझे उम्मीदवार बनाया है, और मुझे पूरा विश्वास है कि न्याय के पक्षधर सांसद मेरी बात को समझेंगे और मुझे समर्थन देंगे।”

रेड्डी ने यह भी कहा कि भारत के संविधान के साथ उनकी यात्रा 1971 से शुरू हुई थी और वह संविधान के मूल्यों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में समानता, न्याय और भाईचारे जैसे महत्वपूर्ण मूल्य शामिल हैं, जिन्हें वह हमेशा समर्थन करेंगे।

लोकतंत्र के लिए नई मुसीबत?
रेड्डी ने निर्वाचन आयोग के बारे में कहा कि यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि बहुमत में आने वाले दल कभी-कभी संविधान की सीमाओं को भूल जाते हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। रेड्डी ने यह भी कहा कि इस चुनाव में व्हिप का कोई प्रावधान नहीं है, और 130वें संविधान संशोधन पर चर्चा होगी, जब इसकी रिपोर्ट आएगी।

शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि
बी सुदर्शन रेड्डी ने इस मौके पर झारखंड आंदोलन के प्रणेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कांग्रेस प्रभारी के. राजू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो, झामुमो और कांग्रेस के कई सांसद और नेता भी मौजूद थे।

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