रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज सुबह राजनीतिक योद्धा जगरनाथ दा के निधन की खबर से निःशब्द और मर्माहत हो गया. जगरनाथ दा इस सरकार में मंत्री के साथ मेरे बड़े भाई और एक ऐसे अभिभावक की भूमिका में थे जो गलतियां होने पर डांट भी लगा देते थे और कभी पीठ भी थपथपा देते थे.
यूं ही टाइगर नहीं कहा जाता था
उन्होंने कहा कि जगरनाथ दा को यूं ही टाइगर नहीं कहा जाता था. कोरोना काल में गंभीर रूप से ग्रसित होने के बावजूद उन्होंने नियति से लंबी लड़ाई लड़ी और जीत कर अपने टाइगर होने को चरितार्थ कर दिखाया. सोरेन ने कहा कि टाइगर के नाम से मशहूर जगरनाथ दा ने अपने संघर्ष, कर्तव्य निष्ठा, सादगी और विचारों की स्पष्टता के कारण अपनी खास और अलग पहचान बनाई.
उनकी जिद से मैंने बहुत कुछ सीखा
निर्धारित लक्ष्य हर हाल में हासिल करने की उनकी जिद से मैंने बहुत कुछ सीखा. कई बार विषम परिस्थितियों में उनके सलाह, विचार और हौसला आफजाई ने हिम्मत दी और लड़ने का जज्बा दिया. जगरनाथ दा जैसे व्यक्तित्व की कमी की भरपाई करना संभव नहीं है. उनकी कमी जीवन भर खलेगी. उनकी शिक्षा, उनका मार्गदर्शन और उनका आशीर्वाद मुझे आगे का रास्ता दिखाएगा.
शिक्षा विभाग में कुछ ऐसे निर्णय लिए जिसे झारखंड हरदम याद रखेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि जगरनाथ दा ने अपने मंत्रित्व काल के दौरान शिक्षा विभाग में कुछ ऐसे निर्णय लिए जिसे झारखंड हरदम याद रखेगा. अलग झारखंड के मुखर योद्धा जगरनाथ दा की सोच और उनके संकल्पों को पूरा कर उसे साकार करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. हमारी सरकार और पार्टी उनके सोच और विचार को साकार करने के प्रति तब तक संकल्पित रहेगी जब तक उसे हासिल नहीं कर लिया जाता.
बड़े भाई दुर्गा सोरेन के निधन के वक्त की शून्यता का एहसास
सोरेन ने कहा कि बड़े भाई दुर्गा सोरेन के निधन के वक्त जिस शून्यता का एहसास हुआ था उसी शून्यता का एहसास आज हो रहा है. ईश्वर अपने श्री चरणों में दिवंगत आत्मा को स्थान दें. साथ ही उनके परिवार और समर्थकों को इस दुःख में खुद को संभालने का साहस और सामर्थ्य दें, यही प्रार्थना है. उल्लेखनीय है कि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का गुरुवार सुबह 6:30 बजे चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में निधन हो गया.