रांची : झारखंड में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. रांची में जहां आठ कोरोना संक्रमित हैं, वहीं राज्यभर में 18 नए कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं. ऐसे में शनिवार को राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल किया गया.
सदर अस्पताल और रिम्स में देखी गयी व्यवस्था
रांची के सदर अस्पताल और रिम्स में मॉक ड्रिल में एक डमी कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी मिलते ही उसे एंबुलेंस में अस्पताल लाकर इमरजेंसी में भर्ती कराने, जांच करने और तत्काल इलाज शुरू करने के लिए उपलब्ध संसाधनों को परखा गया. इस दौरान पीएसएम मशीन और वेंटिलेटर को भी स्टार्ट किये गये, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपात स्थिति में कोरोना से निपटने के लिए हमारी व्यवस्था कितनी तैयार है.
जमशेदपुर में सबसे अधिक 11 मामले
झारखंड में भी छह जिलों में कोरोना के एक्टिव केस मिले हैं, जिसमें सबसे अधिक 11 कोरोना संक्रमित जमशेदपुर में, देवघर में दो, धनबाद में एक, रामगढ़ में एक, पश्चिमी सिंहभूम में एक और रांची में आठ नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं.
निर्देशों के अनुसार किया गया मॉकड्रिल
इस संबंध में रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने बताया कि विभाग से मिले निर्देशों के अनुसार शनिवार को सदर अस्पताल रांची में कोरोना को लेकर मॉकड्रिल की गयी. इस दौरान अन्य सीएचसी में भी मॉक ड्रिल होगी. डॉ विनोद कुमार ने कहा कि जिस तरह से देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं और नए सब वैरिएंट मिले हैं, इस तरह की मॉकड्रिल बेहद फायदेमंद होगा.
फेफड़े या किसी बीमारी से ग्रसित रोगी को अधिक खतरा
रांची के प्रख्यात इंटरनल मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ एके झा ने बताया कि कोरोना का खतरा उन लोगों में ज्यादा खतरनाक रूप ले लेता है, जो फेफड़े या किसी अन्य बीमारी से पहले से ग्रसित होते हैं. उन्होंने बताया कि वैसे लोग जिन्होंने वैक्सीन का डोज कंप्लीट नहीं किया है उनको भी फिर से संक्रमित होने का खतरा है.
राज्य की बड़ी आबादी में एंटीबॉडी तैयार, कोरोना जांच जरूरी
हालांकि, हार्ड इम्युनिटी की वजह से राज्य की बड़ी आबादी में एंटीबॉडी तैयार है लेकिन मॉक ड्रिल के साथ-साथ वैक्सीनेशन, मास्क का इस्तेमाल, दो गज की दूरी और सर्दी-खांसी के साथ बुखार होने पर कोरोना जांच कराना आज भी जरूरी है.