रांची

श्री राधा-कृष्ण प्रणामी मंदिर में ऐतिहासिक जन्माष्टमी महोत्सव : एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

रांची, पुंदाग – श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट द्वारा संचालित झारखंड का भव्यतम श्री राधा-कृष्ण प्रणामी मंदिर इस वर्ष जन्माष्टमी के अवसर पर ऐतिहासिक उत्सव का साक्षी बना। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर अत्यंत भव्य और आध्यात्मिक उल्लास से यह महोत्सव मनाया गया, जिसमें एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लेकर दिव्यता की अनुभूति की।

पूरे मंदिर परिसर को फूलों, रंग-बिरंगी विद्युत सज्जा और झूमती झालरों से अलंकृत किया गया था, जिससे हर कोना गोलोकधाम की अनुभूति करा रहा था। रात्रि में प्रकाशित रोशनी से परिसर ऐसा जगमगा उठा, मानो स्वयं श्री राधा-कृष्ण इस लोक में अवतरित हो गए हों।

विशेष आकर्षण और कार्यक्रम:

श्री राधा-कृष्ण का अलौकिक श्रृंगार मोरपंख, पीतांबर, और रत्नजड़ित आभूषणों से किया गया, जिसकी छवि श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर गई।
झूलन उत्सव में फूलों से सजे झूले पर ठाकुरजी को झुलाया गया, जिसमें भक्तगण उल्लासपूर्वक सम्मिलित हुए।
रात्रि भजन संध्या में स्थानीय व बाहर से आए कलाकारों ने “श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम”, “राधे-राधे जपो…” जैसे मधुर भजनों से वातावरण को भक्तिरस में डुबो दिया।
रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव विधिपूर्वक मनाया गया। लड्डू गोपाल को झूले में झुलाकर, मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की गई।
56 भोग अर्पण – श्री ठाकुरजी को पारंपरिक मिठाइयाँ, माखन-मिश्री, पंचामृत, खीर, पंजीरी, केसरिया पेड़ा, पंचमेवा आदि 56 प्रकार के व्यंजन अर्पित किए गए।

पूरे दिन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। प्रातः 5:30 बजे पट खुलने से लेकर देर रात तक भक्तगण दर्शन हेतु उमड़ते रहे। बच्चों से लेकर वृद्धों तक की अटूट श्रद्धा देखी गई।

प्रशासन और प्रबंधन की सराहना:

भारी भीड़ को व्यवस्थित रूप से नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन और सेवा धाम ट्रस्ट के सदस्यों का विशेष योगदान रहा। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल एवं प्रवक्ता संजय सर्राफ ने बताया कि यह आयोजन धार्मिक भावना के साथ-साथ सांस्कृतिक समरसता और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। उन्होंने हर वर्ष इसे और अधिक भव्य रूप में आयोजित करने का संकल्प दोहराया।

उपस्थित विशिष्टजन और भक्तगण:

इस आयोजन में डूंगरमल अग्रवाल, विजय अग्रवाल, निर्मल छावनिका, निर्मल जालान, मनोज चौधरी, मनीष जालान, पूरणमल अग्रवाल, शिव भगवान अग्रवाल, नवल अग्रवाल, विशाल जालान, नंदकिशोर चौधरी, मधु जाजोदिया, अनुप अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल, अमन अग्रवाल, नितिन अग्रवाल, श्रेष्ठ अग्रवाल, पवन पोद्दार सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

महिलाओं में विद्या देवी अग्रवाल, उर्मिला पाड़िया, प्रमिला पुरोहित, कविता गाडोदिया, सुनिता अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, संतोष देवी अग्रवाल, निकिता अग्रवाल, शोभा जालान, अमिता जालान, मनीषा जालान, सिता देवी शर्मा, दीक्षा अग्रवाल, पुनम अग्रवाल, अंशुल अग्रवाल, सुषमा अग्रवाल आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।

समापन:

श्री राधा-कृष्ण की प्रेममयी लीलाओं, भक्तों की अपार श्रद्धा और मंदिर की दिव्यता ने इस महोत्सव को एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक उत्सव बना दिया। यह आयोजन न केवल रांची बल्कि संपूर्ण झारखंड के लिए गौरव का विषय बन गया।

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