दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के “संस्कार भोज” में शामिल हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, दी श्रद्धांजलि एवं संवेदनाएं व्यक्त कीं
नेमरा (रामगढ़), 16 अगस्त 2025: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, लोकप्रिय जननायक और आदिवासी समाज के मसीहा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के “संस्कार भोज” में आज देश के विभिन्न हिस्सों से कई गणमान्य व्यक्ति नेमरा, रामगढ़ पहुँचे। इस अवसर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री रेवंत रेड्डी भी विशेष रूप से उपस्थित हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनके परिजनों से भेंट कर गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और स्मृति शेष गुरुजी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के पैतृक गांव नेमरा स्थित आवास पर पहुंचकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व को याद किया। उन्होंने कहा कि,
“दिशोम गुरु शिबू सोरेन न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के आदिवासी आंदोलन का मजबूत स्तंभ रहे हैं। उनका जीवन संघर्षों और सिद्धांतों से भरा रहा, जो आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन जी एवं उनके पूरे परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं।”
रेवंत रेड्डी की इस उपस्थिति को झारखंड और तेलंगाना के बीच बढ़ते राजनीतिक एवं सामाजिक संबंधों के दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है। यह शोक की घड़ी में एकजुटता और सम्मान की प्रतीक बन गई।
दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के जननायक रहे हैं, जिन्होंने राज्य की आत्मा और अस्मिता को नई पहचान दी। उन्होंने जीवनभर आदिवासी अधिकारों, भूमि सुरक्षा और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया। उनके निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई और लगातार देशभर से राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और आम लोगों का श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है।
नेमरा में आयोजित इस “संस्कार भोज” में इससे पहले भी कई वरिष्ठ नेता एवं गणमान्य व्यक्ति शामिल हो चुके हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सांसद पप्पू यादव, योग गुरु बाबा रामदेव, पूर्व राज्यसभा सांसद आर.के. आनंद सहित अनेक लोगों ने गुरुजी को श्रद्धांजलि दी है।
आज का दिन नेमरा के लिए एक भावनात्मक क्षण बन गया, जब दक्षिण भारत से आए एक मुख्यमंत्री ने उत्तर भारत के एक महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दृश्य ना केवल राजनीतिक बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी परिचायक था।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों ने गुरुजी की तस्वीर के समक्ष मौन रखकर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी सभी आगंतुकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह दुख की घड़ी उनके लिए व्यक्तिगत ही नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के लिए है। उन्होंने कहा कि वह अपने पिता की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
