सावन की तीसरी सोमवारी पर रांची के पहाड़ी मंदिर में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
Ranchi | 28 जुलाई 2025 : सावन की तीसरी सोमवारी पर राजधानी रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। तड़के सुबह से ही 468 सीढ़ियों वाले मंदिर परिसर में ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयघोष गूंजने लगे। भक्तों ने गंगाजल, दूध और बेलपत्र से भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना की।
तीसरी सोमवारी का धार्मिक महत्व
सावन में कुल चार सोमवारी पड़ रही हैं और आज तीसरी सोमवारी थी, जिसे विशेष फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन शिवभक्त सच्चे मन से जलाभिषेक करते हैं तो उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
प्रशासनिक तैयारियां रहीं चाक-चौबंद
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, चिकित्सा और स्वच्छता की व्यापक व्यवस्थाएं की थीं। मंदिर से लेकर सड़क मार्ग तक बैरिकेडिंग, प्राथमिक उपचार केंद्र, जल व्यवस्था, महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग कतार और बुजुर्गों व दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा मुहैया कराई गई थी।
श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह
महिलाओं, युवाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। कई भक्त कांवर लेकर पहुंचे तो कुछ ने पैदल यात्रा कर बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए। मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक, विशेष पूजन और भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
स्थानीय श्रद्धालु किरन कुमारी ने बताया, “हर साल तीसरी सोमवारी पर दर्शन करना हमारी परंपरा है। सच्चे मन से बाबा से मांगी गई मुरादें जरूर पूरी होती हैं।”
मंदिर समिति के विशेष प्रबंध
मंदिर समिति के अनुसार, तीसरी सोमवारी पर श्रद्धालुओं की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि देखी जाती है। इस अवसर पर दर्शन, स्वच्छता और जल की विशेष व्यवस्था की गई थी। सुरक्षाकर्मियों की सतर्क निगरानी में दर्शन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
अब अंतिम सोमवारी की प्रतीक्षा
अब श्रद्धालु अगली और अंतिम सोमवारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आज उमड़ी भीड़ ने यह सिद्ध कर दिया कि रांची का पहाड़ी मंदिर सावन माह में श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है, जहाँ भक्ति का अनुपम दृश्य देखने को मिलता है।
