शराब घोटाले में गिरफ्तार निलंबित IAS विनय चौबे ने गिरफ्तारी को बताया अवैध, हाई कोर्ट में याचिका दायर
रांची, 25 जुलाई । झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को 30 जुलाई तक पूरक शपथ पत्र (supplementary affidavit) दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट की कार्यवाही और ACB की याचिका खारिज
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस.के. द्विवेदी की अदालत में हुई। कोर्ट ने ACB द्वारा पहले दाखिल किए गए शपथ पत्र को वापस लेने संबंधी हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि ACB के पास अतिरिक्त जानकारी है, तो वह उसे पूरक शपथ पत्र के रूप में दाखिल कर सकता है।
मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है।
याचिका में गिरफ्तारी प्रक्रिया पर सवाल
विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश अजमानी ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया है कि चौबे की गिरफ्तारी बिना वैधानिक प्रक्रिया का पालन किए की गई। उन्हें गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का भी उल्लंघन हुआ। ऐसे में गिरफ्तारी को निरस्त (quash) किए जाने की मांग की गई है।
क्या है मामला?
- 20 मई 2025 को विनय चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को ACB ने गिरफ्तार किया था।
- यह मामला लगभग ₹38 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ा है।
- घोटाले की जड़ें वर्ष 2022 में लागू की गई नई उत्पाद नीति से जुड़ी हैं, जो छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित थी।
- आरोप है कि शराब की थोक बिक्री के ठेके एक खास सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए दिए गए, जिसके बदले में अधिकारियों को भारी रिश्वत मिली।
- घोटाले से राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
जांच की स्थिति
- 2024 में ACB ने प्रारंभिक जांच (PE) शुरू की थी।
- जांच में आरोप सही पाए जाने पर विजिलेंस थाना में कांड संख्या 9/2025 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
- इस घोटाले में अब तक 11 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
- विनय चौबे की गिरफ्तारी और याचिका पर अगली सुनवाई 1 अगस्त को झारखंड हाई कोर्ट में होगी।
