रांची

डोमिसाइल आंदोलन के शहीदों का बलिदान आज भी अधूरा: मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की

रांची, 24 जुलाई – झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने गुरुवार को मेकॉन स्थित शहीद स्थल और त्रिमूर्ति चौक पर डोमिसाइल आंदोलन के शहीदों संतोष कुंकल, विनय तिग्गा और कैलाश कुजूर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने भावुक होकर कहा कि इन शहीदों का बलिदान आज भी अधूरा है।


📜 “1932 खतियान आधारित नीति झारखंड के स्वाभिमान का प्रतीक”

मंत्री तिर्की ने कहा कि 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति के लिए हुआ यह संघर्ष झारखंड के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।

उन्होंने कहा,

“मैं खुद इस आंदोलन और इस स्थल से भावनात्मक रूप से जुड़ी हूं। राज्य को इन शहीदों की कुर्बानी का सम्मान देना ही होगा।”


🏛️ “नीति सदन से पास, फिर भी निर्णय लंबित”

शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि हेमंत सरकार ने 2023 में 1932 आधारित स्थानीय नीति को विधानसभा में पास कर राजभवन भेजा, लेकिन आज तक उस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने गवर्नर स्तर पर हो रहे विलंब पर अप्रत्यक्ष रूप से नाराजगी जाहिर की।


📢 “शहीदों को मिले आधिकारिक दर्जा, परिजनों को सुविधाएं”

मंत्री ने शहीद स्मारक समिति की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि इन शहीदों को आधिकारिक रूप से शहीद का दर्जा मिलना चाहिए और उनके परिजनों को सरकारी सुविधाएं दी जानी चाहिए।

उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि वे यह मुद्दा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष रखकर सकारात्मक पहल का प्रयास करेंगी।


🙏 श्रद्धांजलि सभा में जुटी भीड़

श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से संजय तिग्गा, बेलस तिर्की, शिवा कच्छप, जगदीश लोहरा, दीपू सिन्हा, जलील अंसारी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।

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